Suzlon Energy:- मोदी सरकार ने हाल ही में GST स्लैब में सुधार करते हुए रीन्यूएबल एनर्जी उपकरणों जैसे विंड टरबाइन, सोलर सेल्स और बायोगैस प्लांट्स पर लागू GST रेट को 12% से घटाकर 5% कर दिया है । यह बदलाव 22 सितंबर 2025 से प्रभावी होगा और इसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा आदान-प्रदान को तेज करना है । विशेषज्ञ मानते हैं कि इस कदम से रिन्यूएबल ऊर्जा परियोजनाओं की पूंजी लागत लगभग 5% तक कम होगी, जिससे बिजली उत्पादन की लागत—सोलर में प्रति यूनिट 10 पैसे और विंड में 15–17 पैसे तक घट सकती है ।
Suzlon Energy क्यों सबसे ज्यादा लाभान्वित कंपनी है?
Suzlon Energy, जो कि भारत की प्रमुख पवन ऊर्जा टरबाइन निर्माता कंपनी है, इस नीतिगत बदलाव से सबसे अधिक प्रभावित होने वाली कंपनियों में से एक है (यह जानकारी ScanX न्यूज आरटिकल से ली गई है) । आइए देखें इसका असर:
| पहलू | पहले GST 12% | अब GST 5% होने पर प्रभाव |
|---|---|---|
| उपकरण लागत | अधिक | घटेगी |
| परियोजना पूंजी लागत | ऊँची | लगभग 5% तक कम |
| ऊर्जा निर्माण खर्च (विंड) | अधिक | प्रति यूनिट 15–17 पैसे तक कमी |
| निवेश आकर्षकता | कम | बढ़ेगी |
| मार्केट डिमांड | सीमित | विस्तारित संभावना |
GST कट से Suzlon को उपकरण लागत में बचत होगी, जिससे कंपनी की मार्जिन बढ़ेंगे, नए प्रोजेक्ट्स की मांग बढ़ेगी, और निवेशकों की नजर Suzlon पर मजबूती से टिकेगी।
निवेशकों की नजर – Suzlon Energy में वृद्धि की उम्मीद
Motilal Oswal ने हाल ही में Suzlon Energy को “Buy” रेटिंग दी है और लक्ष्य मूल्य ₹80 रखा है, जो कि वर्तमान स्तरों से लगभग 42% का अपसाइड दर्शाता है ।
उनके अनुसार, Suzlon का मजबूत ऑर्डर बुक, सरकार की नीति-सहायता, और डीपीमेंpleted (EPC) क्षमता इस GST कट के माहौल में कंपनी को और मजबूती देगा।
क्या आप Suzlon Energy पर विचार कर सकते हैं?
यदि आप निवेश में रूचि रखते हैं, तो GST कट के कारण Suzlon Energy में पॉसिबल ग्रोथाइज मौका देखने योग्य है। जहाँ यह कदम कंपनियों की लागत संरचना सुधारता है, वहीं यह सरकार की ग्रीन एनर्जी रणनीति का हिस्सा भी है जो दीर्घकालीन स्थिरता और लाभदायकता को प्रोत्साहित करता है।
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