सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड (Suzlon Energy Ltd) भारत की अग्रणी विंड एनर्जी कंपनी है, जिसने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में अपनी मजबूत पहचान बनाई है। लेकिन हाल के दिनों में Suzlon Energy Share price पर दबाव देखा गया है। शेयर मार्केट में बेंचमार्क इंडेक्स के मूवमेंट के साथ-साथ कई स्टॉक्स में स्पेसिफिक एक्शन भी देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में सुजलॉन एनर्जी का शेयर निवेशकों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है।
पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में Suzlon Energy के शेयरों में लगातार गिरावट आई है। शुक्रवार को यह शेयर 58.51 रुपए के स्तर पर बंद हुआ, जबकि कंपनी का मार्केट कैप लगभग 79.93 हज़ार करोड़ रुपए है। पिछले एक माह में ही Suzlon Energy Share price करीब 12% गिर चुका है।
सुजलॉन एनर्जी के शेयर की हालिया गिरावट
खुदरा निवेशकों का पसंदीदा स्टॉक होने के बावजूद सुजलॉन एनर्जी लगातार फिसलता जा रहा है। जुलाई में शेयर 9.3% टूटा, जून में 5.3% की गिरावट आई और अगस्त में यह अब तक 12% लुढ़क चुका है। यानी तीन महीनों से भी कम समय में इस स्टॉक ने कुल मिलाकर लगभग 18.25% का नुकसान दर्ज किया है। इतना ही नहीं, यह शेयर अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर से लगभग 32% नीचे आ चुका है।
गिरावट की एक बड़ी वजह कंपनी के जून तिमाही के नतीजे रहे, जो ब्रोकरेज हाउस की उम्मीदों से कमज़ोर रहे। इसके साथ ही समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) के पद छोड़ने की घोषणा ने निवेशकों की धारणा को और नकारात्मक कर दिया।
CFO के इस्तीफे से निवेशकों की चिंता
एनालिस्ट का मानना है कि Suzlon Energy की बैलेंस शीट में सुधार में CFO की अहम भूमिका रही है। ऐसे में उनका अचानक पद छोड़ना कंपनी की निकट भविष्य की योजनाओं के लिए नकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
साथ ही, हाल की तिमाहियों में कंपनी की डिलीवरी गति भी धीमी रही है। वित्त वर्ष 2026 में अब तक केवल 1 गीगावाट नए ऑर्डर मिले हैं, जो निवेशकों के लिए चिंता का विषय है।
Suzlon Energy Share Price Targte
जेएम फाइनेंशियल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पिछली तीन तिमाहियों में सुजलॉन ने अपनी मौजूदा इंस्टॉलेशन डिलीवरी का केवल 20% ही पूरा किया है। इससे क्रियान्वयन संबंधी चिंता और बढ़ी है। इसके चलते ब्रोकरेज ने अपने टारगेट प्राइस को 80 रुपए से घटाकर 78 रुपए कर दिया है, हालांकि उन्होंने ‘बाय’ रेटिंग बरकरार रखी है।
वहीं, घरेलू ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने सुजलॉन की बिज़नेस ग्रोथ को लेकर भरोसा जताया है। हालांकि उन्होंने वित्त वर्ष 2026 के लिए कंपनी के कर पश्चात लाभ (PAT) के अनुमान में 25% की कटौती की है। इसके बावजूद उनका मानना है कि सुजलॉन की विकास गति शॉर्ट टर्म चुनौतियों से पटरी से नहीं उतरेगी।
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ऑर्डर बुक और भविष्य की संभावनाएं
Suzlon Energy के पास इस समय 5.7 गीगावाट की मज़बूत ऑर्डर बुक है, जो कंपनी के इतिहास की सबसे बड़ी ऑर्डर बुक मानी जा रही है। इससे अगले 2-3 सालों के लिए राजस्व और बिज़नेस ग्रोथ की मजबूत संभावना बनी हुई है।
कंपनी ने पहले ही वित्त वर्ष 2026 के लिए डिलीवरी, राजस्व और EBITDA में 60% की वृद्धि के अपने लक्ष्य को बरकरार रखा है। वहीं, हाल ही में वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में कंपनी ने डिलीवरी में तेजी दिखाई है और प्री-कमीशनिंग स्टेज में 547 मेगावाट का अतिरिक्त उत्पादन जोड़ा है।
ब्रोकरेज फर्मों का कहना है कि भारत आने वाले वर्षों में पवन ऊर्जा क्षमता को तेजी से बढ़ाएगा। वित्त वर्ष 2026 में 6 गीगावाट और वित्त वर्ष 2027 में 7-8 गीगावाट नई विंड कैपेसिटी जोड़े जाने का अनुमान है। इस विस्तार से सुजलॉन जैसी कंपनियों को सीधे फायदा मिलेगा।
चुनौतियां और अवसर Suzlon Energy Share price के लिए
हालांकि शॉर्ट टर्म में सुजलॉन एनर्जी के शेयर पर दबाव बना हुआ है। CFO के इस्तीफे, कमजोर डिलीवरी, और कमज़ोर वित्तीय नतीजों ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। लेकिन लंबी अवधि में कंपनी की स्थिति उतनी नकारात्मक नहीं दिखती।
नियामक समर्थन, ऑर्डर फ्लो में मजबूती, स्थानीय सामग्री आवश्यकताओं का लाभ और टाटा पावर के साथ संभावित 700 मेगावाट की डील जैसे फैक्टर्स आने वाले समय में कंपनी के मार्जिन और राजस्व को बेहतर कर सकते हैं।
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निवेशकों के लिए रणनीति
जो निवेशक लॉन्ग टर्म विजन के साथ निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए मौजूदा स्तर पर सुजलॉन एनर्जी एक आकर्षक अवसर हो सकता है। हालांकि शॉर्ट टर्म में Suzlon Energy Share price पर दबाव जारी रह सकता है, लेकिन लंबी अवधि में भारत के पवन ऊर्जा विस्तार और कंपनी की मजबूत ऑर्डर बुक इसे मजबूती प्रदान कर सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को इस शेयर में जल्दबाज़ी से बचना चाहिए और गिरावट के दौरान धीरे-धीरे इसमें पोजीशन बनानी चाहिए।
Suzlon Energy Share price इस समय कमजोरी दिखा रहा है, लेकिन कंपनी के पास भविष्य के लिए मजबूत ऑर्डर बुक और विकास की संभावनाएं हैं। अल्पकालिक चुनौतियों के बावजूद, सुजलॉन भारत की अक्षय ऊर्जा यात्रा में एक अहम खिलाड़ी बना रहेगा। निवेशकों को धैर्य और रणनीति के साथ इस स्टॉक पर नजर बनाए रखनी चाहिए, क्योंकि आने वाले वर्षों में यह एक बड़ी वैल्यू क्रिएशन कहानी बन सकता है।
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