Suzlon vs Inox Wind: भारत का रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। खासकर विंड एनर्जी के क्षेत्र में कई कंपनियों ने निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न दिए हैं। इनमें सुजलॉन एनर्जी और आइनॉक्स विंड दो बड़ी कंपनियां हैं, जिनके शेयर प्राइस ने अलग-अलग ट्रेंड दिखाए हैं। अगर हम Suzlon vs Inox Wind की तुलना करें तो दोनों कंपनियों की स्थिति और प्रदर्शन 2025 में काफी अलग नजर आता है।
Suzlon vs Inox Wind Share Price
साल 2025 की शुरुआत से अब तक सुजलॉन एनर्जी और आइनॉक्स विंड के शेयरों में गिरावट देखने को मिली है। सुजलॉन के शेयर लगभग 8% टूटे हैं, जबकि आइनॉक्स विंड के शेयरों में 22% से अधिक की गिरावट आई है। हालांकि हाल के दिनों में आइनॉक्स विंड में रिकवरी देखी गई है और कंपनी का शेयर एक दिन में 5% उछलकर 148 रुपये के स्तर पर पहुंच गया। दूसरी तरफ, सुजलॉन का शेयर भी 59.64 रुपये पर हल्की तेजी के साथ बंद हुआ।
सुजलॉन एनर्जी पर दबाव क्यों?
सुजलॉन एनर्जी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में उम्मीद से कमजोर नतीजे पेश किए। कंपनी का टैक्स के बाद मुनाफा (PAT) 324 करोड़ रुपये रहा, जबकि टैक्स खर्चों के चलते यह अनुमान से कम था। यही वजह रही कि नतीजों के बाद से शेयर प्राइस पर दबाव बना हुआ है। इसके अलावा कंपनी के ग्रुप सीएफओ हिमांशु मोदी के पद छोड़ने की खबर से भी निवेशकों का सेंटिमेंट प्रभावित हुआ।
हालांकि, लंबी अवधि में सुजलॉन का प्रदर्शन मजबूत माना जा रहा है। कंपनी के पास एक मजबूत ऑर्डर बुक है और FY26 में 60% ग्रोथ का अनुमान है। भारत सरकार की घरेलू सोर्सिंग पॉलिसी भी सुजलॉन जैसे घरेलू निर्माताओं को लाभ पहुंचा सकती है।
आइनॉक्स विंड में रिकवरी के संकेत
दूसरी ओर, आइनॉक्स विंड ने हाल ही में अपनी सहायक कंपनी Inox Renewable Solutions Ltd के शेयर 7,400 करोड़ रुपये के वैल्यूएशन पर बेचने का ऐलान किया। इस खबर के बाद आइनॉक्स विंड के शेयर में 5% की तेजी आई और यह करीब 148 रुपये के इंट्राडे हाई पर पहुंच गया। परंतु आज आइनॉक्स विक एशिया में हल्की गिरावट देखने को मिल रही है।
कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन भी उम्मीद से बेहतर रहा। FY26 की पहली तिमाही में आइनॉक्स विंड का नेट प्रॉफिट 134% बढ़कर 97.3 करोड़ रुपये हो गया। टैक्स से पहले का मुनाफा 167% बढ़कर 138 करोड़ रुपये रहा और कैश प्रॉफिट 186 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। हालांकि ऑर्डर एग्जीक्यूशन केवल 146 मेगावाट रहा, जो अनुमान से कम है, लेकिन ऑर्डर बुक अभी भी 3.1 गीगावाट पर मजबूत है।
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Suzlon vs Inox Wind: कौन से शेयर में करें निवेश ?
अगर हम Suzlon vs Inox Wind की तुलना करें तो दोनों कंपनियों की अपनी-अपनी खूबियां और चुनौतियां हैं।
- सुजलॉन के पास मजबूत ऑर्डर बुक है और सरकार की नीतियों का फायदा मिलने की संभावना है। लेकिन हाल के नतीजे और CFO के इस्तीफे ने दबाव बनाया है।
- आइनॉक्स विंड ने प्रॉफिटेबिलिटी में शानदार ग्रोथ दिखाई है और कर्ज घटाया है। हालांकि, ऑर्डर एग्जीक्यूशन और हाई वर्किंग कैपिटल डेज इसके लिए चुनौती बने हुए हैं।
निवेशकों के लिए आउटलुक
मार्केट कैप की बात करें तो सुजलॉन एनर्जी लगभग 81,400 करोड़ रुपये के मार्केट कैप के साथ काफी आगे है, जबकि आइनॉक्स विंड का मार्केट कैप लगभग 18,790 करोड़ रुपये है। इसका मतलब है कि सुजलॉन स्केल में बड़ी कंपनी है और लंबी अवधि के निवेशकों के लिए स्थिरता दे सकती है।
शेयर प्राइस आउटलुक की बात करें तो सुजलॉन वर्तमान में 61.76 रुपये के सपोर्ट स्तर से नीचे फिसला है, जो कमजोरी दिखाता है। वहीं, आइनॉक्स विंड के लिए मार्केट एक्सपर्ट्स ने 180 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है, जो मौजूदा प्राइस से लगभग 25% ऊपर है।
निष्कर्ष
अगर आप अल्पकालिक निवेश की सोच रहे हैं तो आइनॉक्स विंड हालिया रिकवरी और मजबूत नतीजों की वजह से बेहतर विकल्प नजर आ सकता है। वहीं, अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं और स्थिर ग्रोथ के साथ चलना चाहते हैं तो सुजलॉन एनर्जी अपने बड़े ऑर्डर बुक और सरकारी नीतियों के सपोर्ट के कारण भरोसेमंद हो सकता है।
कुल मिलाकर, Suzlon vs Inox Wind की लड़ाई में दोनों कंपनियों के शेयर अलग-अलग प्रकार के निवेशकों के लिए आकर्षक हैं। शॉर्ट टर्म में आइनॉक्स विंड बेहतर ट्रेडिंग ऑप्शन दिखता है, जबकि लॉन्ग टर्म निवेश के लिए सुजलॉन एनर्जी एक मजबूत दांव हो सकता है।
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