Suzlon Share Price Target:- भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों की नज़र लगातार उन कंपनियों पर रहती है जो लंबे समय तक तेज़ी दिखाने की क्षमता रखती हैं। इनमें से एक नाम है सुझलॉन एनर्जी, जिसने पिछले कुछ वर्षों में निवेशकों को शानदार रिटर्न दिए हैं। यही कारण है कि ब्रोकरेज हाउस मोटिलाल ओसवाल ने इस कंपनी के शेयर को लेकर बेहद सकारात्मक रिपोर्ट जारी की है। उनका मानना है कि सुझलॉन के शेयरों में अभी भी 42% तक की दमदार तेजी आने की संभावना है।
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Suzlon Share Price Target पिछली रैली ने किया सबको हैरान
कुछ साल पहले तक सुझलॉन एनर्जी गहरे संकट से जूझ रही थी। कर्ज का बोझ और खराब वित्तीय स्थिति ने कंपनी की साख गिरा दी थी। लेकिन समय के साथ कंपनी ने अपने बिजनेस मॉडल को मजबूत किया और कर्ज घटाकर निवेशकों का भरोसा दोबारा जीता। साल 2020 में यह शेयर मात्र ₹6 के स्तर पर था। वहीं अब यह ₹70 से ऊपर ट्रेड करता है। यानी निवेशकों को लगभग 1200% से ज्यादा रिटर्न मिल चुका है। इतना बड़ा उछाल किसी भी शेयर के लिए बेहद अहम होता है और यह दर्शाता है कि कंपनी ने अपनी दिशा बदलने में कितनी मेहनत की है।
Suzlon Share Price Target मोटिलाल ओसवाल का प्राइस टारगेट
ब्रोकरेज फर्म मोटिलाल ओसवाल ने सुझलॉन एनर्जी को लेकर ₹80 का टारगेट प्राइस सेट किया है। उनका कहना है कि मौजूदा स्तर से इसमें करीब 42% की बढ़त की संभावना है। यह आकलन कंपनी की भविष्य की कमाई और ग्रोथ स्ट्रेटेजी पर आधारित है। FY27 की अनुमानित अर्निंग्स पर 35x P/E मल्टीपल लगाकर उन्होंने यह वैल्यूएशन निकाला है। यह मौजूदा औसत P/E से थोड़ा ज्यादा है, जो दर्शाता है कि भविष्य में कंपनी के रिजल्ट और बेहतर हो सकते हैं।
Suzlon Share Price Target तेजी के पीछे छिपी ग्रोथ स्टोरी
1. सरकारी नीतियों का बड़ा सहारा
भारत सरकार नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए लगातार नई योजनाएं ला रही है। खासकर “Approved List of Models and Manufacturers (ALMM)” पॉलिसी ने घरेलू मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को बढ़त दिलाई है। सुझलॉन, जो पूरी तरह भारतीय तकनीक और उत्पादन पर निर्भर है, इस नीति से सीधा फायदा उठा रही है।
2. मजबूत ऑर्डर बुक
कंपनी के पास पहले से ही एक बड़ा ऑर्डर बैकलॉग है। यह भविष्य में आय की गारंटी देता है। आने वाले वर्षों में और भी प्रोजेक्ट मिलने की संभावना है, जिससे कंपनी की टॉपलाइन और बॉटमलाइन दोनों मज़बूत होंगी।
3. EPC बिजनेस का विस्तार
सुझलॉन का लक्ष्य है कि 2028 तक EPC (Engineering, Procurement & Construction) का योगदान 22% से बढ़ाकर 50% तक कर दिया जाए। यह न केवल राजस्व बढ़ाएगा बल्कि प्रोजेक्ट पर कंपनी का नियंत्रण भी मजबूत करेगा।
4. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में वापसी
सुझलॉन FY26 से यूरोप और मिडिल ईस्ट के बाजारों में अपने विंड टर्बाइन एक्सपोर्ट करने की योजना बना रही है। FY27 की दूसरी छमाही से वहां डिलीवरी शुरू हो जाएगी। इससे कंपनी को विदेशी मुद्रा आय का फायदा मिलेगा और ग्लोबल ब्रांड वैल्यू भी बढ़ेगी।
5. नेतृत्व की स्थिरता
CEO जे.पी. चालसानी ने साफ कहा है कि वह लंबे समय तक कंपनी से जुड़े रहेंगे। यह निवेशकों को भरोसा देता है कि कंपनी की रणनीति और दिशा स्थिर है। साथ ही, कंपनी नया CFO नियुक्त करने जा रही है जिससे वित्तीय प्रबंधन और बेहतर होगा।
निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है?
सुझलॉन एनर्जी ने जो सुधार दिखाया है, वह लंबे समय तक निवेशकों के लिए मजबूत रिटर्न का संकेत देता है। हालांकि, किसी भी शेयर की तरह इसमें भी जोखिम मौजूद हैं। ऊर्जा सेक्टर सरकारी नीतियों और बाजार की डिमांड पर निर्भर करता है। फिर भी, नवीकरणीय ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल है और भारत में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है।
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या सुझलॉन एनर्जी में अभी भी निवेश करना सही है?
हाँ, मोटिलाल ओसवाल जैसे बड़े ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि मौजूदा स्तर से भी शेयर में 42% तक की तेजी संभव है। हालांकि, निवेश करने से पहले अपने वित्तीय लक्ष्यों और रिस्क प्रोफाइल को ध्यान में रखें।
2. कंपनी की सबसे बड़ी ताकत क्या है?
कंपनी की सबसे बड़ी ताकत इसकी लोकल मैन्युफैक्चरिंग क्षमता, मजबूत रिसर्च एंड डेवलपमेंट और ऑर्डर बुक है। साथ ही, EPC और अंतरराष्ट्रीय एक्सपोर्ट का विस्तार भविष्य की ग्रोथ को और मज़बूत करेगा।
3. सुझलॉन का शेयर इतना क्यों बढ़ा?
2020 से अब तक सुझलॉन ने कर्ज घटाया, प्रोजेक्ट्स समय पर पूरे किए और नए ऑर्डर हासिल किए। इसके चलते निवेशकों का भरोसा लौटा और शेयर में 1200% से ज्यादा का उछाल आया।
4. क्या सुझलॉन का शेयर लंबी अवधि के लिए अच्छा है?
हाँ, नवीकरणीय ऊर्जा की मांग और सरकारी सपोर्ट को देखते हुए यह शेयर लंबे समय के लिए अच्छा माना जा सकता है। हालांकि, शॉर्ट-टर्म में उतार-चढ़ाव संभव है।
5. कंपनी के भविष्य की क्या योजनाएं हैं?
कंपनी का फोकस EPC बिजनेस को बढ़ाने, नए बाजारों में प्रवेश करने और ऑर्डर बुक मजबूत करने पर है। साथ ही, FY27 से अंतरराष्ट्रीय एक्सपोर्ट से आय बढ़ाने की योजना है।
6. सुझलॉन का टारगेट प्राइस क्या है?
मोटिलाल ओसवाल ने सुझलॉन एनर्जी का टारगेट प्राइस ₹80 सेट किया है।
7. क्या इसमें रिस्क भी है?
हाँ, ऊर्जा सेक्टर सरकारी नीतियों और ग्लोबल मार्केट पर निर्भर करता है। अगर पॉलिसी में बदलाव हुआ या मांग घटी तो कंपनी पर असर पड़ सकता है।
निष्कर्ष और कॉल टू एक्शन
सुझलॉन एनर्जी ने यह साबित कर दिया है कि मजबूत रणनीति और सही दिशा में काम करके किसी भी कंपनी का भविष्य बदला जा सकता है। मोटिलाल ओसवाल का 42% अपसाइड का अनुमान इस बात का संकेत है कि अभी भी इसमें ग्रोथ की गुंजाइश है। अगर आप भी नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर के इस बड़े अवसर का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो सुझलॉन एनर्जी को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करने पर विचार कर सकते हैं। लेकिन याद रखें, निवेश का फैसला हमेशा समझदारी और विशेषज्ञ सलाह के साथ ही करें।







